भाजप के जेष्ठ नेता मा,चंदनसिंहजी चंदेल को जन्मदिन की अनंत शुभकामना।
बल्लारपुर शहर के प्रभावशाली और भाजपा के जेष्ठ नेता तथा वनविकास महामंडल के पूर्व अध्यक्ष चंदनसिंह चंदेलजी को 7 एप्रिल उनके जन्मदिन पर कोटी कोटी मंगल कामना ।
आदरणीय चंदनसिंह चंदेल यह भाजप के कर्मठ और जनता की सेवा मे तत्पर रहनेवाले नेता है। भाजप के महान नेता व भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटलबिहारी बाजपायी के रेडिओ पर दिये भाषण से प्रभावित होकर चंदनभय्या चंदेल ने उन्हे अपना आदर्श और नेता मान लिया।
उसी दिन उन्होंने तय कर लिया कि यदि वे कभी भी राजनीति में जाएंगे तो अटल बिहारी जी की ही पार्टी के नेतृत्व मे कार्य करेंगे। और1967 में वह सूनहरा मौका मिल गया. उस समय जनसंघ के प्रचारक डॉ. रूपचंद वर्मा ने उनसे मुलाकात की तथा जनसंघ के लिए कार्य करने का अनुरोध किया. जिसे चंदनसिंहजी ने स्वीकार कर उन्होंने राजनीति में प्रवेश लिया.कुछ लोगो को पता नही होगा जब देश मे आपातकाल था तब वे
6 महीने भूमिगत
भी रहे
चंदनसिंह चंदेल, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जनसंघ को मजबूत करने में लगे थे. कांग्रेस मे गुटबाजी होकर दो फाड़ हो गई. इंदिरा कांग्रेस को इंडीकेट तथा कामराज व मोरारजी देसाई की पार्टी को संगठन कांग्रेस यानी सिंडिकेट कहां जाने लगा. उस समय लोकसभा के चुनाव थे. जनसंघ ने बैरिस्टर खोब्रागडे के नेतृत्व वाली आरपीआई तथा समाजवादियों से गठबंधन किया. इंदिरा कांग्रेस से श्रीहरि जीवतोडे चुनाव लड़े थे. जिन्हें निर्दलीय एडवोकेट पुरुषोत्तम कौशिक ने टक्कर देते हुए शिकस्त दी थी. उस समय इंदिरा कांग्रेस की ही सरकार बनी थी. लेकिन 1975 में जब इंदिरा गांधी की सत्ता से डगमगाने लगी तब उन्होंने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल घोषित कर दिया. सारे विपक्षीनेताओं को पकड़ पकड़ कर जेलों में डाला गया था. जिसकी वजह से कई विपक्षी नेता भूमिगत हो गए थे. चंदनभैया को भी गिरफ्तार करने की बहुत कोशिश की गई. लेकिन वे तत्कालीन थानेदार व एसपी के साथ उनके मधुर संबंध होने से वे गिरफ्तारी से बचे रहे. फिर भी उन्हे 6 महीने भूमिगत रहना पड़ा.
इमरजेंसी कॉल में ज्यादातर विपक्ष के नेता एक साथ जेल में रहने से वे एकजुट हो गए और जब 1977 में लोकसभा चुनाव कराया गया तो मिलजुल कर जनतापर्टी के बैनर तले चुनाव लडा. चंद्रपुर से राजा विश्वेश्वर राव को चुनकर भेजा गया. विपक्षियों की सरकार बनी तो मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री ,अटल बिहारी वाजपेई विदेशमंत्री व मधु दंडवते रेल मंत्री बने थे. मंत्री बनने के बाद अपने राज्य लौटते समय दंडवते ने बल्लारशाह रेलवे मैदान तथा गांधी चौक चंद्रपुर में जनसभा को संबोधित किया था.ऊस समय श्री अटलबिहारी बाजपायी चंदनसिंहजी के निवास स्थान मे रुका करते थे चंद्रपुर जिले के नाराज कांग्रेसियों ने सभा में पत्थरबाजी की थी. समाजवादी व जनता पार्टी की यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चली. 1980 में गठबंधन टूट गया.और भाजपा का गठन हुवा तब जिल्ह्या अध्यक्ष चंदनसिंह चंदेल नियुक्त हुवे।तब उनहोणे विदर्भ और चंद्रपूर जिल्हे मे भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करणे हेतू अपनी और से खूप परिश्रम किया।विधानसभा और लोकसभा मे स्वयं उमेदवार रहे उन्हे पता था वे चुनकर नही आयेगे।मगर उन्हे तो भाजप की जडे जमाना था।भाजप का विचार जनमानस मे पहुचाना था।पार्टी की विचारधारा को लोकप्रिय करणा था।जो ऊस समय उनहोणे गिनती के कार्यकर्ता वो के साथ पुरी ताकद और इमानदारी से कार्य करके पार्टी को लोकप्रिय करणे मे अपनी भूमिका अदा की ।उसके बाद विकास पुरुष सुधीरभाऊ मुनगंटीवार, हंसराज भय्या अहिर ने भाजप की लोकप्रियता और चंद्रपूर जिले को भारत देश और महाराष्ट्र राज्य के राजनीती मे अग्र स्थान पर पहुचा दिया।ऐसें कार्यकर्ता पाकर पार्टी भी धन्य हुवि।आज भी पार्टी को मजबूत और लोकप्रिय बनाने हेतू पार्टी कार्यकर्ता पार्टी का विचार जनमानस तक पहुचाने मे लगे है। भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयींजी ने अपनी पुस्तक मे बल्लारपुर शहर और चंदनसिंह चंदेल का बखुबी से उल्लेख किया।कुछ बाते शेअर की। 7 एप्रिल यह दिन चंदनसिंह चंदेल इन्का जन्मदिन दिवस है
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